- सोनिक द हेजहॉग 3’ में अपनी भूमिका के बारे में जिम कैरी ने मजाक में कहा, ‘‘मुझे बहुत देर से अहसास हुआ कि मैं एक ही भुगतान के लिए दोगुना काम कर रहा था’’
- “Until I realized I was doing twice the work for the same pay,” says Jim Carrey jokingly about his role in Sonic the Hedgehog 3
- स्टेबिन बेन से लेकर अरिजीत सिंह तक: 2024 के यादगार लव एंथम देने वाले सिंगर्स पर एक नज़र!
- अक्षय कुमार और गणेश आचार्य ने "पिंटू की पप्पी" फ़िल्म का किया ट्रेलर लॉन्च!
- Sonu Sood Graced the Second Edition of Starz of India Awards 2024 & Magzine Launch
पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करना होगा – सांसद शंकर लालवानी
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एडवांस्ड आयुष वेलनेस सेंटर तथा एडवांस योग एवं नेचुरोपैथी हॉस्पिटल द्वारा प्रकृतिक चिकित्सा में प्रकृति का महत्व विषय पर कार्यशाला एवं पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया
पर्यावरण दिवस 5 जून से 18 नवंबर प्राकृतिक चिकित्सा दिवस तक संस्थान में पधारने वाले सभी मरीजों को (लोगों को) 30 प्रतिशत की विशेष छूट भी प्रदान की जाएगी
इंदौर। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एडवांस्ड आयुष वेलनेस सेंटर तथा एडवांस योग एवं नेचुरोपैथी हॉस्पिटल द्वारा ग्रेटर ब्रजेश्वरी स्थित सेंटर पर एक कार्यशाला सह पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रकृतिक चिकित्सा में प्रकृति का महत्व विषय पर हुई कार्यशाला को सम्मानीय अतिथियों ने संबोधित किया। अतिथियों ने प्रकृति व पर्यावरण का महत्व प्राकृतिक चिकित्सा में बताया और उसे सहजने तथा आगे आने वाली पीढ़ियों को समझाने के लिए हर किसी को सामूहिक प्रयास करने की अपील की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंदौर का सांसद श्री शंकर लालवानी, विशेष अतिथि श्री डॉ. भूपेंद्र गौतम, मनोचिकित्सक श्री डॉ. वैभव चतुर्वेदी, श्रीमती डॉ. पद्मश्री शर्मा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक श्री डॉ. एके द्विवेदी ने की। सभी अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। तत्पश्चात सभी अतिथियों का स्वागत शॉल-श्रीफल प्रदान कर प्रकृति के प्रति जागरूकता के तहत तुलसी के पौधे भी भेंट किए।
कार्यक्रम की रूपरेखा को आगे बढ़ाते हुए श्री डॉ. एके द्विवेदी ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। डॉ. द्विवेदी ने कहा प्राकृतिक चिकित्सा में हवा, जल, मिट्टी से ट्रीटमेंट करने का ही विशेष महत्व है। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्व पर्यावरण दिवस पर कार्यशाला सह पौधारोपण कार्यक्रम किया। जिसमें औषधिय पौधों का ही रोपण भी किया और उसके महत्व को भी समझाया। कुल 11 पौधों का रोपण किया गिया जिसमें जामुन, अनार, आंवला इत्य़ादि शामिल है जो कहीं ना कहीं मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। आज हम इन पौधों का रोपण करना भूल चुकें और अंग्रेजी पौधे लगाते हैं। जोकि महंगे व सुंदर तो दिखते हैं लेकिन खाद्य एवं औषधिय गुणों वाले नहीं होते हैं।
डॉ. द्विवेदी ने यह भी कहा कि कोरोनाकाल के दौर में भी देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्र में लोग ज्यादा संक्रमित हुए। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रामीण प्रकृति के करीब रहें और शहरी प्रकृति से दूर। उक्त अवसर पर डॉ. द्विवेदी ने यह भी कहा कि लोगों में प्रकृतिक चिकित्सा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए मेंबरशिप (सदस्यता) अभियान चलाएंगे जिसके तहत लोगों को सदस्य बनाएंगे तथा उन्हें एक बार सदस्य बन जाने के बाद पूरे वर्षभर में 24 बार निःशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा प्रदान किया जाएगा। आपने यह भी कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से 18 नवंबर प्राकृतिक चिकित्सा दिवस तक संस्थान में पधारने वाले सभी मरीजों को (लोगों को) 30 प्रतिशत की विशेष छूट भी प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम को मनोचिकित्सक डॉ. चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि किस तरह पौधे, पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक है। डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि आज हर व्यक्ति को जरूरत है एक पौधा लगाने की और लगभग पांच वर्षों तक उसकी नियमित देखभाल करने की। ऐसा करने से भविष्य में अच्छा संसार बनेगा। डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि हम अपने सेंटर पर भी आने वाले मरीजों को प्रकृति से जोड़ने का काम करते हैं। कुछ मरीज आते हैं और वे बोलते हैं कि हमें नींद नहीं आती, ऐसे में हम उन्हें ट्रीटमेंट देने के साथ उन्हें प्रकृति के नजदीक जाने के लिए कहते हैं और ऐसा करने से वे मरीज अब अपनी परेशानियों से लगभग निजात पा चुके होते हैं तो वहीं लोग और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करते हैं।
डॉ. शर्मा ने भी संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण का भारतीय संस्कृति में काफी महत्व है। गत दिनों ही हमारी मातृशक्तियों ने वट सावित्री का व्रत किया जिसमें वटवृक्ष का महत्व है। इसके अलावा हमारी संस्कृति में पीपल में श्रीकृष्ण का वास माना है तो बरगद भी उतना ही पूज्यनीय है। नदियों का भी मनुष्य जीवन में काफी महत्व है। लेकिन आज हम इन्हें अपने जीवन से दूर कर स्वयं को बीमार कर रहे हैं। इसलिए आज जरूरत है पर्यावरण संरक्षण की बात व्यक्ति से व्यक्ति तक पहुंचाने की। पर्यावरण के पास जाने की। क्योंकि प्रकृति पूज्यनीय है। याद रखें इस संसार में दो ही चीजें रहेंगी और वो है प्रकृति व इसके निर्माता।
बतौर मुख्य अतिथि सांसद श्री लालवानी ने कहा- आज पर्यावरण संरक्षण को लेकर हो रहे प्रयासों में दुनिया में लीड कर रहा है भारत
सासंद लालवानी ने अपने संबोधन में सबसे पहले डॉ. द्विवेदी को बधाई दी। साथ ही अतिथियों द्वारा प्रकृति व पर्यावरण पर दिए उद्बोधन की सराहाना की। सांसद ने कहा कि आज जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में स्वभाविक है कि कॉर्बन उत्सर्जन भी हर क्षेत्र में बढ़ेगा। इसलिए आज हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। हमारी भाजपा की सरकार भी प्रधानमंत्रीजी के नेतृत्व में पर्यावरण सरंक्षण के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि विश्व भर में आज पर्यावरण संरक्षण को लेकर हो रहे हैं कार्यों में भारत दुनिया में लीड कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती उसके लिए आमजन को भी सामूहिक प्रयास करने होंगे और इसी से हम पर्यावरण सुरक्षित कर पाएंगे। इस दौरान सांसद ने नार्थ इस्ट के एक वनवासी क्षेत्र का भी उल्लेख किया जहां उन वनवासियों ने गांव को एक जंगल के रूप में विकसित किया हुआ है और वे कितने प्रकृति प्रेमी है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. द्विवेदी ने सांसद लालवानी से निवेदन किया कि जिस तरह से हमने इंदौर शहर को स्वच्छ शहर बनाया है उसी तरह पौधारोपण के लिए भी जागरूकता अभिया न शुरू कर इंदौर शहर को पर्यावरण संरक्षण/पौधारोपण में भी पूरे देश में नंबर वन बनाया जा सकता है। आभार डॉ. भूपेंद्र गौतम ने माना। कार्यक्रम का संचालन दीपक उपाध्याय ने किया। अतिथि स्वागत श्री राकेश यादव एवं डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. जितेंद्र पूरी, डॉ. ऋषभ जैन तथा विनय पांडे द्वारा किया गया। विशेष रूप से श्री सुभाष मट्टा, श्री अरूण जोशी, श्री केसी जैन, श्री सुरेशचंद्र बजाज, प्राचार्य श्रीमती बिष्ट सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।